संवाददाता. पटना
मोकामा में दुलालचंद हत्याकांड को लेकर चुनाव आयोग ने बिहार के DGP विनय कुमार से रिपोर्ट मांगी है। दूसरी तरफ हत्या के 28 घंटे बाद RJD नेता दुलारचंद यादव का अंतिम संस्कार किया जा सका। उनकी अंतिम यात्रा में आगे-पीछे हथियारों से लैस पुलिस मौजूद रही। इससे पहले 2 घंटे चले पोस्टमॉर्टम के बाद उनकी बॉडी एम्बुलेंस से घर लाई गई। सरकारी अस्पताल में समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी।
30 अक्टूबर की दोपहर आरजेडी नेता 76 वर्षीय दुलालचंद यादव की हत्या कर दी गई। इसके बाद से मोकामा में तनाव है। गोली उनके पैर में लगी थी। दुलालचंद जनसुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के साथ चुनाव प्रचार के काफिले में शामिल थे। 31 अक्टूबर को दुलालचंद के लाइव पोस्टमार्टम और मोकामा के पूर्व विधायक व जेडीयू के उम्मीदवार की गिरफ्तारी पर लोग डटे रहे। मोकामा सीट पर सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी आरजेडी के टिकट पर मैदान में हैं। वीणा देवी भी ट्रैक्टर पर सवार होकर पोस्टमार्टम के लिए निकली।
दुलालचंद की हत्या बसावन चक के पास की गई। दुलारचंद के पोते के बयान पर भदौर थाने में अनंत सिंह, उनके दो भतीजे रणवीर और कर्मवीर के अलावा छोटन सिंह और कंजय सिंह समेत दर्जनों अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज कराया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने बताया है कि दुलालचंद की मौत गोली लगने से नहीं हुई है। उनके पैर में गोली लगी थी और वह आर-पार निकल भी गई। इसलिए मौत की कोई दूसरी वजह है। शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान पाए गए हैं।
बता दें दुलारचंद ने मौत से दो दिन पहले अनंत सिंह की पत्नी पर आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्हें नाचने वाली कहा था। कहा था कि नीलम देवी नहीं नीलम खातून है। नीलम देवी भूमिहार थोड़े ही हैं।’
दुलालचंद की मौत के बाद अनंत सिंह ने कहा कि हम चुनाव प्रचार के लिए निकले थे। रास्ते में कई गाड़ियां खड़ी थीं। मैंने सोचा कोई होगा वोट मांग रहा होगा। जिंदाबाद, मुर्दाबाद करने लगे। हम 40-50 गाड़ियों से थे। 40 गाड़ी निकल गई थी। 10 गाड़ी पीछे थी। उसमें उन लोगों ने पहले तोड़फोड़ की। गाड़ी में पहले उन लोगों ने ईंट-पत्थर रखे थे। इसके बाद मारपीट शुरू कर दी। हमारी गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। ये सारा खेल सूरजभान सिंह का है। दुलारचंद को उसने अपने यहां रखा था। वो उसी के साथ रहता था।
सूरजभान सिंह ने कहा कि लोकतंत्र का हनन हुआ है। पूरा देश देख रहा है। इलेक्शन कमीशन से आग्रह है कि जांच हो। न्यायालय से आग्रह है कि रिटायर्ड जज का इंक्वायरी बैठाई जाए। सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी। पूरे देश का इलेक्शन कमिशन से विश्वास उठ रहा है।
जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने कहा है कि जैसे ही देखा कि मेरी गाड़ी है, उन लोगों ने कहा कि मारो इसको। सब गाड़ी से निकले और मारपीट शुरू कर दी। सब के पास हथियार थे। हमारी गाड़ियों के शीशे तोड़ने लगे। मारपीट शुरू कर दी। कर्णवार सिंह कोई था, जो मारपीट कर रहा था। मेरे सामने 4 राउंड फायरिंग हुई है। दुलार चंद यादव के पैर में गोली मारी गई। फिर गाड़ी चढ़ा दी। बहुत लोग घायल हुए हैं।
जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि- ‘हमें इस घटना की जानकारी मिली है। हमारी टीम मौके पर पहुंच चुकी है, लेकिन इस घटना से जन सुराज के कार्यकर्ता हताश नहीं होंगे, बल्कि यह और स्पष्ट हो गया है कि बिहार में जनता अब बदलाव के लिए तैयार है।’
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि- चुनाव में हिंसा की कोई जरूरत नहीं है। हम कभी हिंसा के पक्षधर नहीं रहे हैं। अभी आचार संहिता है, फिर भी चुनाव के दौरान कैसे कुछ लोग बंदूक गोली लेकर घूम रहे हैं? प्रधानमंत्री 30 साल पुरानी बाते करते हैं। 30 मिनट पहले क्या हुआ? ASI की सिवान में गला रेतकर हत्या हो गई। मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई, ये क्या है? प्रधानमंत्री को ये चीजें देखनी चाहिए। किन लोगों ने इन अपराधियों को संरक्षण दिया है? आचार संहिता में बंदूक लेकर घूमने को कौन सा राज कहा जाएगा?’
सांसद पप्पू यादव नेे कहा कि – पुटूस यादव के बाद अब दुलारचंद यादव जी…क्या भूलेगा मोकामा? NDA की सरकार में और कितने यादवों की बलि मोकामा में चढ़ेगी? क्या ये राक्षस राज दिल्ली की मीडिया को नहीं दिखता? दुलारचंद यादव जी के परिवार के गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं। क्या बिहार को फिर से चुनावी हिंसा में सत्ता पक्ष ने जानबूझ कर धकेल दिया है?
