संवाददाता. पटना
लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को इश्क का इजहार महंगा पड़ गया। अभी उनकी पत्नी ऐश्वर्या से डायवोर्स का मामला फैमिली कोर्ट में चल रहा है, 29 मई को सुनवाई होने वाली है। वहीं दूसरी तरफ अनुष्का यादव के साथ फोटो तेजप्रताप का फोटो वायरल है। तेजप्रताप ने भी यह फोटो सोशल मीडिया पर डाला। लेकिन बाद में कहा कि उनका मोबाइल हैक कर लिया गया है और उन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है। लेकिन ऐश्वर्या की मां ने कह दिया कि यह सब वे लोग पहले से जानते हैं। फिर क्या था तेजप्रताप ट्रोल होने लगे। लालू परिवार और आरजेडी की किरकिरी होते देखे आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने तेजप्रताप यादव को आरजेडी और परिवार से निकाल दिया है।
लालू प्रसाद ने एक्स पर लिखा – निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण और गै़र ज़िम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है।इसलिए उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम हैं। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष और तेजप्रताप यादव के छोटे भाई तेजस्वी यादव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है-एक बात साफ़ है, हमें ये सब चीजें ना तो अच्छी लगती हैं और ना ही बर्दाश्त हैं। हम अपना काम कर रहे हैं। बिहार के प्रति हम समर्पित हैं। जहां तक मेरे बड़े भाई (तेज प्रताप यादव) की बात है, राजनीतिक जीवन में निजी जीवन अलग होता है। वो वयस्क हैं और निजी जीवन के फै़सले लेने का उनको अधिकार हैं। उनका फै़सला है, क्या सही होगा, क्या नुक़सान होगा, वो अपना फैसला खुद लें। राष्ट्रीय अध्यक्ष, दल के नेता हैं उन्होंने ट्वीट के माध्यम से अपनी भावनाएं साफ़ कर दी हैं। हम ऐसी चीज़ों को पसंद नहीं करते हैं और न ही इसे बर्दाश्त कर सकते हैं। मुझे घटनाक्रम की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली।
पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट सर्वदेव सिंह कहते हैं कि सोशल मीडिया पर परिवार से बाहर करने का कोई मतलब नहीं होता। लालू प्रसाद अपनी अर्जित संपत्ति से जुड़े वसीयत में तेजप्रताप यादव को कुछ नहीं देते हैं तभी इसे माना जाएगा। वे यह भी कहते हैं कि राष्ट्रीय जनता दल विधान सभा अध्यक्ष को लिख कर देती है कि तेजप्रताप यादव की विधान सभा की सदस्यता खत्म की जाए तभी उनकी सदस्यता खत्म हो सकती है।
