संवाददाता.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर की आधारशिला रखी। भूमि पूजन किया। अपने संबोधन में सबसे पहले पीएम मोदी ने जय सियाराम का जयकारा लगवाया। उऩ्होंने ने कहा कि श्रीराम के जयघोष की गूंज आज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। सभी रामभक्तों को आज के दिन की कोटि-कोटि बधाई। आज पूरा भारत राममय है, हर भारतीय भावुक है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। करोड़ों लोगों का आज ये विश्वास नहीं हो रहा है, कि वो इस पावन दिन को देख पा रहे हैं। राम मंदिर के लिए अब भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा।
बरसों तक रामलला टेंट में रह रहे थे
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा सौभाग्य है मुझे इस ऐतिहासिक पल के लिए आमंत्रित किया गया। मेरा आना स्वभाविक था, आज इतिहास रचा जा रहा है। पीएम ने कहा कि राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम…सदियों का इंतजार समाप्त हो रहा है। बरसों तक रामलला टेंट में रहे थे, लेकिन अब भव्य मंदिर बनेगा। राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन में अर्पण-तर्पण-संघर्ष-संकल्प था। मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है, हम सब आगे बढ़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा। भगवान राम का ये मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा। आज का दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। भूमि पूजन का दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। हनुमान जी के आशीर्वाद से राम मंदिर बनने का काम शुरू हुआ है, ये मंदिर आधुनिकता का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर आने वाली पीढ़ियों को संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा।
राम मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी बल्कि इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा। यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि सोचिए, पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, पूरी दुनिया प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी।
उन्होंने कहा कि इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा, बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है। जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर और केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को भगवान राम की विजय का माध्यम बनने का सौभाग्य मिला, जिस तरह छोटे-छोटे ग्वालों ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने में बड़ी भूमिका निभाई, जिस तरह मावले, छत्रपति वीर शिवाजी की स्वराज स्थापना के निमित्त बने, जिस तरह गरीब-पिछड़े, विदेशी आक्रांताओं के साथ लड़ाई में महाराजा सुहेलदेव के संबल बने, जिस तरह दलितों-पिछ़ड़ों-आदिवासियों, समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में गांधी जी को सहयोग दिया, उसी तरह आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का ये पुण्य-कार्य प्रारंभ हुआ है। राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है। ये महोत्सव विश्वास है विद्यमान से जोड़ने का, नर को नारायण से जोड़ने का, लोक को आस्था से जोड़ने का, वर्तमान को अतीत से जोड़ने का और स्वयं को संस्कार से जोड़ने का। मोदी ने कहा कि जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनाया गया, वैसे ही घर-घर से, गांव-गांव से श्रद्धापूर्वक पूजी शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई हैं। देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं।
डाक टिकट जारी
PM मोदी ने यहां राम जन्म भूमि का एक डाक टिकट भी जारी किया। बताया गया कि करीब 15 लाख इस तरह के डाक टिकट तैयार किए जाएंगे। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्री राम की एक प्रतिमा भी उन्हें भेंट की।
अब नहीं तो कब बनता मंदिर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने अपने संबोधन में कहा कि लोग हमसे पूछते थे कि मंदिर कब बनेगा? हमने कहा था एक ओर मोदी हैं और दूसरी ओर योगी हैं, अब नहीं बनेगा तो कब बनेगा। अब लोगों को तन-मन-धन से भव्य राम मंदिर के निर्माण में जुटना चाहिए और काम को आगे बढ़ाना चाहिए। दुनिया में रह रहे हर हिन्दू की यही इच्छा थी। मंदिर का निर्माण एक नए भारत का निर्माण है, इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
याद किए गए आडवाणी
इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के योगदान को याद किया। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कई लोग महामारी के कारण नहीं आ पाए, लालकृष्ण आडवाणी जी भी नहीं आ पाए हैं। देश में अब आत्मनिर्भर बनाने की ओर काम जारी है, आज महामारी के बाद पूरा विश्व नए रास्तों को ढूंढ रहा है। जैसे-जैसे मंदिर बनेगा, राम की अयोध्या भी बननी चाहिए। हमारे मन में मंदिर बनना चाहिए और कपट को छोड़ना चाहिए।
इस शुभ घड़ी की प्रतीक्षा पीढ़ियों से थी
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि 135 करोड़ भारतवासियों का संकल्प पांच शताब्दियों के बाद पूरा हो रहा है। 500 सालों का बड़ा और कड़ा संघर्ष रहा है, इस शुभ घड़ी की प्रतीक्षा में हमारी कई पीढ़ियां चली गई हैं। पीएम के कर-कमलों से भूमि पूजन हुआ, ये दिन पूरे भारतवासियों को याद रहेगा। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और उसकी न्यायपालिका की शक्ति ने दुनिया को दिखा दिया है कि शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संवैधानिक रूप से हल किए गए मामले कैसे हो सकते हैं।