प्रशांत किशोर ने कहा- आंदोलन जारी है और जारी रहेगा
संवाददाता. पटना
बीपीएससी छात्रों की री-एग्जाम की मांग जारी है। इस मांग के साथ जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पिछले कई दिनों से गांधी मैदान में आमरण अनशन पर थे। पुलिस ने उन्हें सोमवार को अहले सुबह 3.45 बजे उन्हें जबरन उठा लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें जमानत गांधी मैदान कांड संख्या 5/25 में मिली। SDJM आरती उपाध्याय के कोर्ट में उनकी पेशी हुई और वहां से पीके को जमानत दे दी गई। उन्हें बॉन्ड भरने को कहा गया। साथ ही यह भी कहा गया कि आप इस बात का बॉन्ड भरें कि प्रतिबंधित इलाके में किसी हालत में धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे। अगर प्रशांत किशोर यह बॉन्ड नहीं भरेंगे तो फिर आगे फिर से न्यायालय फैसला लेगा कि उनके साथ क्या किया जाए। उन्हें 25 हजार रुपए का निजी मुचलका भी भरने को कहा गया। फिर क्या था प्रशांत अड़ गए। उन्होंने कहा कि अगर छात्र हित में, महिलाओं पर लाठीचार्ज के खिलाफ सत्याग्रह गलत है तो उन्हें जेल जाना कबूल है, इस तरह का बेल नहीं चाहिए। इसके बाद प्रशांत किशोर के वकील फिर से कोर्ट गए और फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा। जज ने उन्हें कई शर्तों को हटाते हुए बेल दिया।
इससे पहले पुलिस ने जब उन्हें सोमवार की सुबह गांधी मैदान, गांधी मूर्ति के नीचे से उठाया तो कई घंटे तक पटना में घुमाती रही। मेडिकल चेकअप के लिए एम्स पटना भी ले जाया गया पर वहां बवाल देख पुलिस उन्हें वहां से लेकर निकल गई। एम्स के बाहर पुलिस और जनसुराज के सदस्यों के बीच मारपीट भी हुई। समर्थकों ने रोड जाम करने की कोशिश की। पुलिस प्रशांत किशोर को बेऊर जेल भी ले गई थी लेकिन कागजात नहीं होने की वजह से जेल में नहीं भेजा जा सका। बिना शर्त बेल मिलने के बाद उन्हें बेऊर जेल के बाहर से छोड़ दिया गया।
सोमवार की देर शाम प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेस किया और कहा कि उनका अनशन जारी था, जारी है और जारी रहेगा। वे लगातार पानी पर ही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फैसला तो गांधी मैदान में ही होगा। शुरुआत गांधी मैदान में हुआ, खात्मा भी गांधी मैदान में होगा। जन-बल के आगे कोई बल नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उन्होंने अपील की कि वे धरना में आएं और छात्रों का नेतृत्व करें। न्यायालय को उन्होंने धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएससी के मामले को लेकर वे पटना हाईकोर्ट भी जाएंगे, ये लड़ाई सत्याग्रह के साथ-साथ कानूनी रूप में भी लड़ी जाएगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा के लोगों ने एक बयान लाठी खाने वाले युवाओं के पक्ष में नहीं दिया। सीपीआई एमएल की मैं तारीफ करना चाहता हूं कि वे छात्रों के पक्ष में उतरे, आवाज उठाई।
प्रशांत किशोर के वकील कुमार अमित ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि प्रशांत किशोर पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वे सभी बेलेवल हैं। इनको थाना ले ही बेल मिल जाना चाहिए था, लेकिन छह-सात घंटे तक घुमाया गया और कोर्ट में ले जाया गया। कोर्ट ने कंडिशनल बेल दिया, लेकिन प्रशांत किशोर ने कंडिशनल बेल लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद कोर्ट से आग्रह किया गया कि इनका राइट बनता है कि थाना से ही बेल मिल जाना चाहिए था, चार दिनों से बिहार के बच्चों की लड़ाई लड़ रहे हैं। थोड़ी देर के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में मोडिफाई करके पीआर बांड पर बेल दे दिया। पीआर बांड का मतलब है कि पुलिस कोई अनुसंधान करती है तो प्रशांत पुलिस की मदद करेंगे। अगर चार्जशीट होता है तो उसको फेस करेंगे।