संवाददाता. पटना.
सभी राज्यों को नई शिक्षा नीति लागू करना है, लेकिन बिहार में यह अभी लागू नहीं होगी। इसी नीति के तहत 4 वर्षीय स्नातक कोर्स शुरू होना है। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि राज्य में अभी शिक्षा व्यवस्था में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में शिक्षकों और कर्मचारियों की जरूरत है। इसे लागू करने के लिए और अधिक शिक्षक और कर्मचारियों की जरूरत है। इसके लिए वित्तीय प्रबंधन भी करना पड़ेगा। इन सभी को देखते हुए वर्तमान में नई शिक्षा नीति लागू करना संभव नहीं है। शिक्षा मंत्री शनिवार को पटना के दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। कार्यक्रम में राज्य के तमाम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, रजिस्ट्रार और अंगीभूत कॉलेजों के प्रिंसिपल और शिक्षा विभाग के कई अधिकारी उपस्थित थे।
नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए राजभवन में उच्चस्तरीय बैठक हो चुकी है
बता दें कि बिहार के विश्वविद्यालयों में 4 वर्षीय स्नातक कोर्स शुरू करने के लिए अप्रैल में राजभवन में उच्च स्तरीय बैठक की गई थी। इसमें यह फैसला लिया गया था कि 2023- 2027 से 4 वर्षीय स्नातक कोर्स प्रारंभ किया जाए। कोर्स की संरचना और प्रथम वर्ष के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कमेटी गठित करने का भी फैसला लिया गया था। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी उसमें मौजूद थे। फैसला लिया गया था कि विश्वविद्यालयों को एक ही समय पर संबंधित कार्य करने होंगे। यह 4 वर्षीय सीबीएसई पाठ्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप होना है। नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र सरकार ने व्यापक बदलाव किया है। छात्र-छात्राओं मं क्रिटिकल-थिंकिंग और समस्याओं को सुलझाने वाले कौशल विकसित करना इसका बड़ा लक्ष्य है।