संवाददाता.
दलितों के राष्ट्रीय स्तर के नेता, केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पटना के दीघा जनार्दन घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटे चिराग पासवान ने पिता को मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देते समय चिराग गिर कर बेहोश हो गए। बाद में किसी तरह परिजनों ने उनसे किसी तरह मुखाग्नि दिलवाई।
रामविलास पासवान गुरुवार शाम 74 साल की उम्र में दुनिया से हमेशा के लिए विदा हो गए। शुक्रवार की शाम पासवान का पार्थिव शरीर वायुसेना के विशेष विमान से पटना लाया गया था। पटना बेली रोड होते हुए उन्हें दीघा घाट ले जाया गया। इस बीच उनके समर्थक रोते- बिलखते रहे। घाट में काफी बड़ी संख्या में आम लोग भी पहुंचे। एस के पुरी आवास से लेकर दीघा घााट तक धरती गूंजे आसमान, रामविलास पासवान औऱ रामविलास पासवान अमर रहें का नारा गूंजता रहा।
इस बीच कई कार्यकर्ताओँ की जिद रही कि उनके पार्थिव शरीर को हाजीपुर ले जाया जाए, लेकिन यह नहीं हो सका। रामविलास पासवान हाजीपुर की धरती को अपनी मां कहा करते थे।
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग की। मंत्री प्रेम कुमार ने भारत रत्न देने की मांग की।

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