दूसरी बार बायपास सर्जरी हुई थी. दिल्ली के एक्सकॉर्ट्स अस्पताल में हुआ निधन

संवाददाता.

देश की दलित राजनीति का बड़ा चेहरा, बिहार का बेटा रामविलास पासवान का निधन हो गया। उनकी दूसरी बार हर्ट सर्जरी हुई थी। बिहार के खगड़िया में 5 जुलाई 1946 को उनका जन्म हुआ था। पांच दशकों में आठ बार वे लोक सभा के सदस्य रहे। उस दौर में वे विधान सभा चुनाव जीते थे जब लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार छात्र राजनीति ही कर रहे थे। 1977 का उनका लोकसभा का चुनाव लोग आज भी याद करते हैं जब रामविलास पासवान हाजीपुर से जनता दल के टिकट से चार लाख से ज्यादा वोट से चुनाव जीते। वह वल्र्ड रिकार्ड बना था। अभी वे राज्य सभा के सांसद थे। राजनीति में आने से पहले वे बिहार प्रशासनिक सेवा में अफसर थे। इमरजेंसी में लंबे समय तक वे जेल में रहे। पहली बार वीपी सिंह की सरकार में वे केन्द्रीय मंत्री बने। फिर तो कई विभागों में केन्द्रीय मंत्री रहे।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1969 में हुई जब वे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते और बिहार विधान सभा के सदस्य बने थे।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा मैंने अपना दोस्त और मजबूत सहयोगी खो दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि उनके निधन से बहुत दुखी हूं। दशकों से उनके साथ पारिवारिक संबंध रहा। आज हमारे घर चूल्हा नहीं जलेगा। भगवन उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
पूर्व मुख्यमंत्री लाालू प्रसाद ने कहा कि रामविलास भाई के असामयिक निधन का दुखद समाचार सुन अति मर्माहत हूं। विगत 45 वर्षों का अटूट रिश्ता और उनके संग लड़ी तमाम सामाजिक, राजनीतिक लड़ाईयां आंखोंं में तैर रही हैं। रामविलास भाई आप जल्दी चले गए। इससे ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं।

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