संवाददाता.
अब मकान मालिक अपने हिस्से की बिजली किरायेदारों को नहीं बेच पाएंगें। ऐसा किया तो बिजली कंपनी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। बिजली बेचने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। इसलिए बिना लाइसेंस के यदि कोई मकान मालिक बिजली बेचते हैं तो बिहार विद्युत विनियामक आयोग उन पर कार्रवाई कर सकती है।
बिहार में किरायेदारों को उनके मकान मालिक सब मीटर लगाकर बिजली देते हैं। उस मीटर को फास्ट होने सहित उससे प्रति यूनिट 9-10 रुपए तक बिजली शुल्क की वसूली की शिकायतें सामने आ रही हैं। ज्यादा बिजली बिल आने की बात पर अक्सर मकान मालिक और किराएदार के बीच किच-किच भी होती रहती है।
बिजली कंपनी के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि किरायेदारों को रेंट एग्रीमेंट के आधार पर बिजली का नया कनेक्शन दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसी भी विवाद से बचने के लिए उन्हें अपने नाम से नया कनेक्शन ले लेना चाहिए।