- कई स्पॉट के बारे में निर्दश दिए गए
- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद की 9वीं बैठक आयोजित
- उपमुख्यमंत्री व पर्यावरण एवं वन मंत्री सुशील कुमार मोदी सहित कइयों ने शिरकत की
संवाददाता.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद की 9वीं बैठक मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित की गई। बैठक में अपर मुख्य वन संरक्षक पी.के. गुप्ता ने वन्य प्राणी संरक्षण संबंधी एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद की 8वीं बैठक की कार्यवाही संपुष्टि एवं अनुपालन के संबंध में जानकारी दी। बैठक में मंगुराहा में हाथी पुनर्वास केंद्र की स्थापना, भीम बांध वन्यप्राणी आश्रयणी में इको टूरिज्म की स्थापना, पर्यटक सुविधा के लिए शेरगढ़ किले तक जाने वाली सीढ़ियों का उन्नयन कार्य के साथ-साथ कुशेश्वर स्थान झील एवं पक्षी आश्रयणी, गौतम बुद्ध वन्यप्राणी आश्रयणी (गया) एवं अन्य स्थलों को विकसित करने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि आश्रयणी स्थलों पर चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है।
बैठक के दौरान जानकारी दी गयी कि पशु विज्ञान विश्वविद्यालय एवं वन विभाग के सहयोग से अब पालतू जीवों के साथ-साथ वन्यप्राणी चिकित्सा एवं सेहत प्रबंधन के भी कोर्स शामिल किए गए हैं। पशु चिकित्सकों को जंगली जानवरों के इलाज के लिए ट्रेनिंग करायी गयी है। 15-22 फरवरी 2020 में गुजरात के गांधीनगर में आयोजित प्रवासी वन्यप्राणी के 13वें सम्मेलन में बिहार में वन्य जीवों एवं प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की गई। प्रवासी वन्यप्राणी के 13वें सम्मेलन में प्रवासी पक्षियों के अनुश्रवण के लिए भागलपुर में रिंगिंग एंड मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, मुंबई के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने एक समझौता किया है। बैठक में यह भी बताया गया कि मंगुराहा में नेचर अवेयरनेस सेंटर की स्थापना की गयी है। वाल्मिकीनगर में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये गंडक नदी में मोटर बोट सेवा के साथ-साथ नेचर सफारी, टूर पैकेज, प्रतिदिन निःशुल्क सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था की गयी है। सोशल मीडिया के माध्यम से अलग-अलग जानवरों एवं पक्षियों के संबंध में तथा संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी लोगों को दी जा रही है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि बिहार में इको टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं, वाल्मिकीनगर, मंगुराहा (पश्चिमी चंपारण), राजगीर, गया, नवादा, अररिया, कैमूर सहित अन्य स्थानों पर भी इको टूरिज्म को विकसित करें। उन्होंने कहा कि इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग इको टूरिज्म विंग एवं सोसायटी की स्थापना करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में बनायी जाने वाली एलिवेटेड सड़क के निर्माण के बाद आवागमन में काफी सहूलियत होगी तथा इस क्षेत्र का और विकास होगा। इसके निर्माण के लिए कार्रवाई जल्द आरंभ करें। उन्होंने कहा कि राजगीर में दोनों रोप-वे (नया एवं पुराना) के बेस स्टेशन के पास इंटिग्रेटेड बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सभी गाड़ियों की एक साथ पार्किंग, पर्यटकों के लिए रेस्टूरेंट एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके निर्माण कार्य को जल्द आरंभ करें।
अररिया जिले के फारबिसगंज में 289 एकड़ में बिहार राज्य का दूसरा नया चिड़ियाघर ‘रानीगंज वृक्ष वाटिका’ बनाये जाने पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इंटरनेट के माध्यम से लोगों के लिये संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में रह रहे जानवरों की लाइव स्ट्रीम देखने की व्यवस्था की जायेगी, इसके लिये सभी आवश्यक कार्रवाई पूर्ण करें।
बैठक के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद के सदस्यों ने अपने विचार एवं सुझाव रखे।
बैठक में उप मुख्यमंत्री सह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.के. पांडेय, अपर मुख्य वन संरक्षक श्री पी. के. गुप्ता, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वन्यप्राणी पर्षद के सदस्य, विधायक मनीष कुमार, विधान पार्षद संजय कुमार, विधान पार्षद संजय प्रकाश सहित अन्य सदस्यगण एवं पदाधिकारीगण भी जुड़े हुए थे।