संवाददाता.
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा बिहार में बाढ़ को लेकर यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायन्स के सहयोगी नेताओं के साथ मंगलवार को बिहार के राज्यपाल फागु चौहान को ज्ञापन देने पहुंचे, लेकिन यशवंत सिन्हा से राज्यपाल नहीं मिले। इससे यशवंत सिन्हा नाराज नजर आए। उन्होंन नहीं मिलने पर राज्यपाल के सचिव को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर यशवं सिन्हा ने कहा कि उत्तर बिहार बाढ़ की भयंकर विभीषिका झेल रहा है। भौगोलिक स्तर पर राज्य के 17 जिलों के 250 से ज्यादा प्रखंडों के 75 लाख लोग बाढ़ की आपदा से प्रभावित हैं। उत्तर बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, पूर्णिया जिले के कई प्रखंडों और गांवों का दौरा किया।
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने वाले लोगों में पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि, डॉ सत्यानंद शर्मा, मो अशफाक रहमान, डॉ अरुण कुमार, रेणु कुशवाहा, विष्णु पासवान, राजीव भृगु कुमार, संजीव सिंह, मो नौशाद खान, अशोक कुमार, अशोक झा आदि मौजूद थे।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमें खेद है कि इस ज्ञापन को सौंपने के लिए राज्यपाल महोदय ने हमें समय नहीं दिया और उनका आदेश मिला कि ज्ञापन उनके कार्यालय को सौंप दिया जाय। कहा कि यह दुःख की बात है कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी इस प्रतिनिधिमंडल से मिलने से उन्होंने इन्कार कर दिया है।
ज्ञापन की खास बातें
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर देखें कि बाढ़ प्रभावित अब भी किस परिस्थिति में जीने को मजबूर हैं। पुराने तटबंध और मजबूत किये जाएं. तटबंधों के कटाव और संवेदनशील स्थानों को तुरंत ठीक कराया जाए। पिछले पांच वर्षों में तटबंधों तथा बांधों की सुरक्षा में खर्च की गयी राशि में हुआ भारी भ्रष्टाचार, सीबीआई जांच करायी जाए। तटबंधों, सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर रहने को विवश बाढ़ पीड़ितों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाए। मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध और चिकित्सा की भी व्यवस्था हो। बाढ़ प्रभावित सभी लोगों को तत्काल 6000 रुपये का मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। बाढ़ के तुरंत बाद कोरोना और अन्य बीमारियों के प्रकोप से निबटने के लिए समुचित प्रबंध जरूरत है। बाढ़ से हुए जान-माल, पशु आदि के नुकसान का शीघ्र आकलन कर हर परिवार को उचित मुआवजा मिले। भारत सरकार की टीम तत्काल बिहार की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और समुचित राशि बिहार सरकार को उपलब्ध कराए।