क्या बनना चाहती हैं आपको तय करना है, घर उजाड़ने में शामिल मत होइए, बदमाश पुरुष बॉस की मंशा समझिए

चांद से प्यार करने वाले चर्चित अभिनेता की रहस्मयी मौत में एक महिला का नाम उछलने के बाद पुलिस ने महिला से जांच में सहयोग करने को कहा है। घर वाले से लेकर बाहर वाले तक ने महिला पर तरह-तरह के आरोप लगाए हैं। महिला ने वीडियो जारी कर कहा कि उन्हें कोर्ट पर और भगवान पर भरोसा है। बैंक एकाउंट्स से लेकर बाकी कई चीजें खंगाली जा रही हैं। यह पहली बार नहीं हुआ कि किसी बड़े कांड में किसी महिला की उपस्थिति सामने आई है। कुछ महिलाएं इस्तेमाल होती हैं। उसे पता होता है बावजूद इस्तेमाल होती हैं। इसके पीछे उसका लोभ-लाभ होता है। यह नौकरी पाने से लेकर नौकरी में प्रमोशन पाने तक से जुड़ा होता है। कई बार बॉस उसका इस्तेमाल अपने किसी कलिग को नीचा दिखाने और नौकरी से बाहर करने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा होता है। बॉस को मालूम होता है कि महिला निडी है और उसका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। पुरुषों का इस तरह से इस्तेमाल करना बॉस के लिए बहुत कठिन होता है। कुछ जो मजबूत महिलाएं होती हैं वह इस्तेमाल होने से इंकार कर देती हैं पर कमजोर महिलाएं इस जाल में फंस जाती हैं और फंसती जाती हैं। नए कारपोरेट कल्चर में यह तेजी से हो रहा है और इस पर बोलना हर कोई खतरा समझता है। महिला के साथ बॉस के संबंध, विवाहेतर संबंध आम होते जा रहे हैं। यह राजनीति में भी तेजी से बढ़ रहा है और बाकी प्रभावशाली पेशों में भी। ऐसे मामलों में पति कैसे चुप रह जाते हैं, पता नहीं। लोग कहते हैं कि पति की सहमति से भी कई बार यह सब होता है, पर यह विश्वास करना काफी मुश्किल है। दरअसल बॉस एक तीर से कई शिकार करता है। पहला तो वह यह करता है कि अपनी हवस मिटाता है और बदले में प्रमोशन देता है और तीसरा जो सबसे बड़ा काम वह करता है वह यह कि दुश्मनों के लिए बतौर विष कन्या उसका इस्तेमाल करता है। बॉस बाकी उदाहरणों से भी सीख नहीं लेता। कैसे विवाहेत्तर संबंधों की वजह से किसी ने आत्महत्या कर ली या उसकी रहस्यमयी हत्या कर दी गई। उन बड़ी कहानियों का उस पर कोई असर नहीं पड़ता। एक बार एक महिला ने बॉस को आकर कहा, आप सर मुझसे इतना काम करवाते हैं आपको नहीं मालूम है कि मुझे बिग बॉस ने क्यों रखा है। आप समझिए कि मुझे इसलिए रखा गया है कि ऑफिस का माहौल सौहर्दपूर्ण रहे। उसने बताया कि मैंने छिप कर सुना है आप जेंस लोग मेरी अनुपस्थिति में कैसी गंदी-गंदी बातें करते हैं और मेरे आते ही फटाक से चुप हो जाते हैं। मेरी उपस्थिति आप सबों को अनुशासित रखती हैं। मेरी वजह से ऑफिस में बसंत सा माहौल रहता है। देखते नहीं मैं कितना सज-धज कर आती हूं। मुझे सारे लोग कैसे देखते रहते हैं, क्या मैं नहीं समझती हूं। सब की नजरें मैं पहचानती हूं। हमें बचपन से इसी की ट्रेनिंग दी जाती है कि पुरुष कैसे और क्यों देख रहे हैं इसे समझ सकूं। और दूसरी बात यह भी समझ लीजिए सर, आपने फोन पर बिग बॉस के बारे में कितना बुरा-भला कहा है यह सब रिकार्डिंग अगर बिग बॉस को सुना दूं तो आपकी नौकरी कितने दिन बच पाएगी ? यह सुनते ही बॉस के होश फाख्ता हो गए। एक बड़े एनजीओ में काम करने वाले पटना में रहकर काम करने वाले एक मीडिया कॉर्डिनेटर को एक दिन सिर्फ इसलिए पैरालाइसिस मार गया कि वे अपनी महिला कर्मी से प्रताड़ित हो रहे थे। आखिरकार उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी और वर्षों तक इलाज कराना पड़ा। इसलिए उन खास महिलाओं को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वे अपनी महत्वाकांक्षा के लिए किसी परिवार को नहीं उजाड़ें। उन्हें यह समझना चाहिए कि उनकी हर करनी की पोल खुलनी-ही- खुलनी है। मुंह पर कोई भले कुछ न कहे पर उसकी छवि ऐसी हो जाती है कि हर कोई उस पर थूकता ही है। हर कोई उसे उसी नजरिए से देखता है। कोई पुरुष अलग-अलग महिलाओं से संबंध रखता है तो उसके लिए शब्द है छिनरा। कोई महिला इसी तरह कई पुरुषों से संबंध रखती है तो उसके लिए शब्द है छिनार। गांव में इन शब्दों का खूब इस्तेमाल बातचीत में होते आपने भी सुना होगा। कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो बाहर से खुद को खूब कड़क दिखाती हैं पर वे बॉस की खास क्यों होती है सबको पता होता है। लेकिन वैसी महिलाओं के लिए सलाम है जो सच में कड़क होती है और वैसे गैर पुरुषों को हिसाब से रखती हैं जो पहले टच करके महिला का मन टटोलते हैं। महिलाओं को कानून में ऐसे ही बड़े अधिकार नहीं दिए गए हैं। कानून उनकी देह के व्याकरण और उसकी शुद्धता को समझता है। इसका ख्याल उन महिलाओँ को जरूर होना चाहिए जो बॉस के लिए इसलिए इस्तेमाल होने को तैयार हो जाती हैं कि उनका प्रमोशन हो जाएगा। दरअसल बॉस उस एक महिला के जरिए कई घरों को एक साथ बर्बाद करने की साजिश रच रहा होता है। किसी का पति, किसी का बेटा, किसी का भाई एक साथ बर्बाद हो रह होता है। बॉस बड़ा पाप करता है पर बदनाम महिला हो जाती है। यही पुरुष प्रधान समाज का सच है। यह महिला को तय करना होता है कि वह मर्लिन मुनरो, राजकुमारी मारग्रेट, विली जीन किंग, सोफिया लारेन, एलिजाबेथ टेलर, फराहविदा, जैक्लीन ओनासिस, पमेला बोर्दे, लोला मोंताज, जेन डिग्वी बनना चाहती है कि मदर टेरेसा, महाश्वेता देवी, तस्लीमा नसरीन, सुधा वर्गीज? मां शब्द की गरिमा सभी को समझनी चाहिए। जो मां हैं और जो मां नहीं भी हैं। मां की लाज रखने वाली महिलाओं को प्रणाम और देश-दुनिया की सभी बहनों को रक्षा बंधन की शुभकामनाएं।
-पहरेदार

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