राधाचरण सेठ से मेरी पहली मुलाकात

प्रणय प्रियंवद. पटना

विधान पार्षदों के लिए आर ब्लॉक के पास बने खूबसूरत नए आवास में उनसे मैं मिला। राधाचरण सेठ से यह मेरी पहली मुलाकात थी। उन्हें नौ नंबर वाला आवास मिला है। शाम के लगभग चार बज रहे होंगे। लोगों की भीड़ अब कम हो चुकी थी। वे अकेले बैठे थे। उनसे मिलने का मकसद यह था कि उन्होंने 30 साल तक राष्ट्रीय जनता दल में रहते हुए उसे छोड़ दिया और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की सदस्यता ले ली। आरजेडी के पांच सदस्यों के साथ उन्होंने पुराने घर को छोड़ नया घर चुन लिया। अभी एमएलसी का एक साल का उनका टर्म बचा हुआ है। पांच सदस्यों के साथ एकजुट होकर आरजेडी छोड़ने से उनका एमएलसी पद यथास्थिति में रहेगा।

लगभग 15 साल से पटना में राजनीतिक खबरें देखते हुए मैं उनसे मिलने आज तक क्यों नहीं गया यह मुझे भी नहीं मालूम। उनको कभी खबरों में छाते हुए भी मैंने नहीं देखा। खबरों में जेडीयू से अक्सर नीरज कुमार, संजय सिंह, राजीव रंजन, आलोक कुमार जैसे प्रवक्ता छाए रहे हैं। एक समय भीम सिंह भी छाए रहते थे। भीम सिंह के ज्यादा छाने का क्या अंजाम हुआ यह सब के सामने है। आरजेडी से लालू प्रसाद के बेटों को छोड़ दें तो जब प्रदेश अध्यक्ष थे तब रामचंद्र पूर्वे, अब के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, शक्ति सिंह आदि नेता छाए रहे हैं। शिवानंद तिवारी पुराने और दमदार नेता हैं इसलिए वे हमेशा छाए रहते हैं किसी पार्टी में रहें। अभी वे आरजेडी में हैं।

राधाचरण सेठ से बातचीत करते हुए लगा कि वे बहुत मिलनसार हैं। कोई अकड़ नहीं है उनके स्वभाव में। लेकिन 30 वर्षों तक एक पार्टी में रहने के बावजूद उसे उन्होंने छोड़ दिया तो इसे समझना चाहिए। बातचीत में उन्होंने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की तुलना करते हुए कहा कि लालू प्रसाद चापलूस किस्म के नेता हैं और नीतीश कुमार बात के पक्के हैं। उनके यह कहने के पीछे यह बात हो सकती है कि जरूर नीतीश कुमार ने इनसे कुछ वायदा किया है। हालांकि राधचरण सेठ कहते हैं कि बिना किसी लोभ के वे जेडीयू में गए हैं। हां एक बात साफ-साफ उन्होंने कही कि अपने समाज को ताकत देने के लिए जेडीयू ज्वाइन किया है। कानू हलवाई समाज को ताकत देने के लिए वे नीतीश कुमार से बात करेंगे और अनुसूचित जाति में शामिल कराने की पहल एक बार फिर से करेंगे। लालू प्रसाद के परिवारवाद को भी उन्होंन बातचीत में निशाना बनाया। यहां यह बताना जरूरी है कि उन्होंने पढ़ाई मैट्रिक तक भी ठीक से नहीं की है, लेकिन अनुभव का विस्तार है उनके अंदर।

उनसे हुई यह बातचीत आप सुन सकते हैं-

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